प्रिय पाठक, स्वागत है आपका हिंदी कहानिया संग्रह की आजकी पोस्ट Hoshiyar Tota, Tenaliram Aur Raja KrushnDevray Ki Shikshaprad Kahani पर. किसीने महाराज कृष्णदेवराय को एक तोता भेट स्वरुप दिया. Tota बहुतही मीठी-मीठी और अच्छी-अच्छी बाते करता था महाराज को वह तोता बहुत पसंद आया. वह तोता इतना होशियार था की लोगो द्वारा पूछे जाने वाले हर सवाल का सही जवाब वह देता था.
राजा को वह Tota बहुत पसंद आ रहा था, उन्होंने उसका संभाल और पालन पोषण करने के लिए एक विश्वासपात्र नौकर को चुना और उसे कहा “अब इस तोते की जिम्मेदारी तुम्हारी होगी” अगर इसका सही पालन पोषण करोगे तो हम तुम्हे हर महीने मोहर भेट स्वरुप दिया करूंगा. इसका पूरा ध्यान तुम्हे ही रखना है. यह Tota मुझे बहुत पसंद है अगर गलती से किसी ने मुझे तोते की मरने की खबर दी तो उसी दिन मै तुम्हे मृत्युदंड दे दूंगा.
> Read – खरगोश और सूरज की सच्ची कहानी- खरगोश की पंचाईत.
उस नोकर ने उस तोते की बहुत अच्छी देखबाल की, उसे किसी प्रकार का कोई कष्ट नहीं होने दिया. उसकी हर इच्छा को पूरा करने के लिए सिपाई पूरी जान लगा रहा था. इसी प्रकार कुछ दिन बीतनेके बाद तोते की हालत अचानक बिघड गई बिचारे का इलाज करने से पहले ही तोता मर गया.
सिपाई बहुतही डर गया उसे महाराज की वह बाते याद आने लगी, उसे एहसास होने लगा की उसे फासी दे दी गयी है. उसे कुछ समज मे नही आ रहा था की आखिर तोते की मरने की खबर महाराज को कैसे दे. अगर राजा को यह खबर दे तो वह मुझे मृत्युदंड देंगे. बहुत सोचने के बाद उसे तेनालीराम की याद आई.
भागते भागते सिपाई तेनालीराम के घर की तरफ गया. तेनालीराम को Tota और महाराज की पूरी कहानी सुनाई और कहा की किस तरह से उस तोते की जिम्मेदारी सौपी गए थी तथा अगर तोते को कुछ होता है तो मुझे मृत्युदंड देने वाले थे महाराज तेनालिरामजी मुझे बचाइए.
बहुत सोचने की बाद तेनालीराम ने सिपाई से कहा की सच में बहुतही डर की बात है फिर भी तुम घर जाओ. महाराज या किसी से भी Tota की कहानी मत बताना की वह मर चूका है कोई ना कोई उपाय मै जल्द ही निकाल लूँगा तब तक गलती से भी किसीसे बताना नहीं तो सच में तुम्हे मृत्युदंड दे दिया जायेगा.
तेनालीराम कुछ घंटे बाद महाराज कृष्णदेवराय के पास गए और उनसे डरते-डरते कहा “महाराज वह तोता…तो….तो…ता..तो..ता…!
> Read – मुर्ख ब्राम्हणों की कहानी – अनपढ़ मूर्खो की मजेदार कहानी.
“तेनालीराम त.त.त. करना बंद करो और यह बताओ की क्या हुवा है तोते को”.
महाराज अपने तोते को क्या हुवा है कुछ पता नहीं चल रहा है कुछ बोलता भी नहीं है, बिलकुल चुप रहता है. कुछ खाता भी नही, पिता भी नहीं, अपने पंख भी हिलाता नहीं बस आखे खोलकर ऊपर देखता रहता है उसकी आखे भी हिलती नही.
महाराज को तेनालीराम की बाते सुनकर हसी आ गए और हैरानी से देखते हुए खुद तोते के पिंजरे के पास तोता की हालत देखने के लिए पहुचे. उन्होंने देखा की तोता मर चूका था. हसते हुए तेनालीराम से कहा “तेनालीराम सीधे-सीधे क्यों नही कहते की Tota मर चूका है यह क्या पागलपंती लगा रखी है तुमने तो पूरी महाभारत ही मेरे सामने सुना डाली.
“हा हा महाभारत? नहीं महाराज इसके पीछे भी छोटीसी कहानी है, अगर मैंने आपको सीधे तोते की मरने की बात बतायी होती तो आप उस सिपाई को मृत्युदंड दे देते. राजा कृष्णदेवराय तेनालीराम की इस बात से बहुत खुश हुए, और तेनालीराम को एक इमानदार व्यक्ति को बचानेके लिए छोटीसी भेट स्वरुप अपने गले से लगा लिया.
तात्पर्य:- दिमाग चलाने से और अच्छी बातो का मनन करने से आपके मन मेअच्छे विचार जरुर आते है.
> Read – Raja KrushnaDevray Aur Chatur Tenaliram- Behatarin Hindi Story Bhandar.
ऊपर दी गए Hoshiyar Tota, Tenaliram Aur Raja KrushnDevra की शिक्षाप्रद कहानी आपको कैसी लगी इसबारे मे निचे दिए गए कमेंट बॉक्स मे कमेंट करे. इसी प्रकार की प्रेरणादायक कहानीया और रोचक कहानिया की नयी पोस्ट के अपडेट सीधे अपने ईमेल इनबॉक्स मे पाने के लिए ब्लॉग को सब्सक्राइब करे तथा इस जासूसी उपन्यास की बेहतरीन कहानी को सोशल मीडिया में जरुर शेयर करे.
***