प्रिय पाठक Hindi Story Collection मे हमने 4 Murkh Bramhano Ki Funny Story पब्लिश की थी अगर आपने अब तक Hindi Kahani की इस Funny Story को नहीं पढ़ा है तो एक बार जरुर पढ़े.  आज की पोस्ट Jadoo Ki Gudiya- Suspense Hindi Story मे आपका स्वागत है. एक गाव मे एक किसान रहता था. उसके पास बहुत पैमाने मे खेती थी, गाय-भैस थी, अनाज के गोदाम भरे हुए रहते थे. उस किसान के पास किसी तरह की कोई कमी नहीं थी. लेकिन उस किसान को कभी अच्छा खाना नहीं मिलता था. कभी उसको दूध, लोणी खाने को नहीं मिलती थी. उसके पास खुद की गाये और भैस होकर भी किसान को दूध, लोणी के लिए तरसना पढ़ता था.Jadoo Ki Gudiya-Suspense Hindi Story

किसान की पत्नी खाने के बढ़ी शौकीन थी और खाने के लिए वह हर दम भूकी रहती थी. किसान के खेत मे जाते ही वह अच्छे-अच्छे पकवान बनाके खाती थी. कभी वह लोणी खाती, दूध पीती तो कभी श्रीखंड लेकिन अपने पती के लिए वह हमेशा साधी रोटी और साथ मे थोडासा प्याज ही भेजती थी.

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किसान सोचता और मन ही मन मे करता की घरका दुध होकर भी मुझे दूध नहीं मिलता आज पत्नी से इसके बारे मे जरुर बात करूंगा. जब वह शाम को खेती से घर वापस आया तो उसने उसकी पत्नी से कहा की कभी तो खाने मे दूध भेजा करो. घर मे दूध रखकर वह ख़राब हो जाता है.

उसपर उसकी भार्या ने कहा “कौनसा दूध और कैसा क्या?’ कुछ भी पूछिए मत! एक तो एक भैस पहलेसे ही कम दूध देती है. उसमे ही घर मे एक बिल्ली है तो वह आधा दूध पी जाती है.’

पत्नी की बाते सुन बेचारा किसान चुप बैठा रहा और कुछ न बोला. एक दिन किसान खेत से जल्दी वापस घर आया. घर आते ही उसको रबड़ी की मीठी गंद (सुगंद) आने लगी. किसान उसी जगह पर एकटक हो गया और सोचने लगा की अब क्या करे.

आज तो कोई त्यौहार भी नहीं, तो फिर आज रबड़ी बनाने का कारण क्या हो सकता है? कुछ तो गड़बड़ जरुर है-एसा सोचकर किसान अपने घर मे जाने लगा.

रसोईघर मे जाते ही किसान हक्का-बक्का रह गया. क्योकि उसकी बीबी ने रबड़ी एक बड़े मटके मे भर कर रखी थी और वह रोटिया बनाने मे मग्न थी.

अपने पती (किसान) को आते देख पहले तो वह डर गयी, लेकिन अगले पल मे खुद को संभालते हुए बोली, ‘अरे आप घर कैसे आये?’

किसान बोला आज कुछ काम नहीं था. खेत मे खुला बैठने से तो अच्छा है घर ही आराम करू तो घर आ गया, लेकिन मुझे एक बात बताओ आज कोई त्यौहार नहीं तो फिर तुमने मीठी रबड़ी और रोटिया किस लिए बनाई?

किसान की बीबी बोली ‘आप हमेशा कहते है न, कभी तो दूध लाओ, लोणी लाओ. इसी लिए आज सोचा की आपके लिए मीठी रबड़ी और रोटियाऔर रोटिया बनाकर खेत मे लेकर लेकर आ जाऊ. ‘लेकिन अच्छा हुवा आप आ गए’ आइये मै आपके लिए खाना परोस देती हु.

उस दिन किसान ने पेट भरकर अच्छे-अच्छे पकवान खाए. लेकिन उस दिन के बाद उसके मन मे सभी बाते क्लियर हो गयी की पत्नी तो खाने के लिए कुछ भी कर सकती है भलेही मुझे खाना न मिले. खाना खाने के बाद किसान अपने खेत की तरफ जाने लगा. रास्ते मे उसके दिमाग मे विचारो का बवंडर घुमने लगा की पत्नी को कैसे सबक सिखाया जाये. बहुत सोचने के बाद भी उसको इसका समाधान नहीं मिल पाया.

उसी गांव मे एक टूटी हुई झोपडी थी उस झोपडी मे एक बूढी औरत रहती थी. सारा गाव उसे चुडैल कहता था. किसान बिना डरे झोपडी मे चला गया और सभी कहानी उसने बुढिया के सामने सुना डाली.

बुढिया हँसने लगी, ‘और बोली तुम बिलकुल न घबराओ. मै तुम्हे चार डॉल्स Jadoo Ki Gudiya देती हु उन चारो डॉल्स को घर के चारो दिशाओ के कोने मे रख दो लेकिन हा यह किसी को न पता चले इसका ध्यान रखना. फिर देखो क्या चमत्कार होता है!’ एसा कहकर बुढिया ने लकड़ी की गुडिया (Jadoo Ki Gudiya) दे दी.

बुढिया के कहे अनुसार घर के चारो कोनो मे पत्नी की नज़र बचाकर जमीन की अंदर एक-एक कर के मिटटी के अन्दर Jadoo Ki Gudiya दबा दी. सुबह-सुबह किसान अपनी खेती की तरफ जाने लगा. तो उसकी बीबी बोली , अजी सुनिए, आजकल खेत मे चोरिया बहुत हो रही है इसीलिए खेत को खुला छोडके मत आया कीजिये. आप वही पे रहिये मै वही पर आपका खाना ले आउंगी.

किसान बेचारा क्या बोलता उसने चुपचाप अपनी मुंडी हिला दी और हसते-हसते अपनी खेती की तरफ चला गया. किसान को जाते देख किसान की पत्नी ने घर के दरवाजे बंद कर लिए और घर के रसोई मे जाकर खाना बनाने लगी. औ उसके मनमे आया की गाजर का हलवा बनाकर खाए.

थोड़ी ही देर मे उसने गाजर का हलवा बना लिया और खाने के लिए बैठी, तो क्या, तू क्या खा रही है? किसान की पत्नी पहले तो कुछ समज नहीं पाई और देखने लगी की घरमे कोई है तो नहीं. देखा तो घर मे कोई नहीं था. आखिर घर मे कोई नहीं है तो बोला कौन? किसान की बीबी को लगा कोई तो दरवाजे के पास छुपा होगा, लेकिन जब उसने दरवाजा खोला और देखा तो वहा कोई नहीं था. उसने सोचा शायद यह मेरा भ्रम होगा और वह फिर से हलवा खाने लगी.

तभी Jadoo Ki Gudiya मे से दूसरी गुडिया बोली, ‘इतना क्यों डर रही है, अगर इतना डरती है तो छुप-छुप के क्यों खाती है.?

लेकिन इस बार किसान की पत्नी बहुत ही ज्यादा दर गयी. घर मे पक्का कोई छुप कर बैठा है एसा उसको लगा और फिर से उसने घर के सारे कोने-कोने को देख लिया, लेकिन घर मे कोई नहीं था.

थोड़ी देर रूककर वह फिर से गाजर का हलवा खाने लगी, तभी Jadoo Ki Gudiya मे से तीसरी गुडिया बोली, ‘चुप-चुप के खाने से इतना डरती है तो क्यों चुप के खाती है?’ अब वह बहुत ही दर गयी. घर मे भुत घुस गया है इसमें कोई दोहराई नहीं है एसा पूरा यकिन अब उसको हो गया. घर मे भुत है यह जल्दी से पती को खेत मे जाकर बताऊ इस लिए वह जल्दी-जल्दी खाने लगी.

‘अरे’ धीरे खाओ. अगर तुम्हारे मुह से चपचप खाने की आवाज आयी तो समाज लेना की तुम्हारा पूरा खेल ही ख़त्म समजो’ चौथी गुडिया के वह बोल सुन किसान की बीबी की आवाज भी बंद हो गए.

जल्दी-जल्दी उसने गाजर का हलवा एक डिब्बे मे भरा और चल पड़ी खेती की तरफ किसान के पास. गाजर का हलवा देख किसान बहुतही खुश हुवा और बोला, ‘आज हलवा कैसे बनाया?

घर मे भुत है यह किसान को बताने के लिए भी किसान की बीबी की आवाज नहीं निकल रही थी पर जैसे-तैसे वह बोली, ‘घर मे थोडासा दूध पढ़ा था सोचा आज आपके लिए गाजर का हलवा बना दू तो बना दिया.

दुसरे दिन किसान की पत्नी को लगा, कल के भुत तो पक्का आज चले गए होंगे. इसीलिए उसने गरम-गरम रबडी बनाई और खाने को बैठी तभी वही चमत्कार!

अब वह पूरी तरह से डर गयी और खेती की तरफ किसान के पास तेजी से भागने लगी. तभी सभी कहानी उसने किसान को बताई. उसकी या कहानी सुन कर किसान जोर-जोर से हसने लगा और समज गया की यह चमत्कार उसी बुढिया का है जिसने Jadoo Ki Gudiya, लकड़ी की गुडिया दी थी. किसान ने बोला की तूम मेरे पीछे अच्छे-अच्छे पकवान बनके खाती हो इसीलिए घर मे भुत आ गए है. आगे अगर तुमने एसा किया तो वह तुम्हे जिन्दा नहीं छोड़ेंगे, अगर तुम एसा नहीं करोगी तो मै उनको घर से निकल सकता हु.

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किसान की पत्नी ने अपने पती के पैर पकड़ लिए और रोते रोते बोली, ‘आज से आपके बाद कभी अच्छे-अच्छे पकवान बना के नहीं खाऊँगी जो भी बनाउंगी आपको खिलाकर ही जो बचेगा वह खा लुंगी.’ पत्नी को रोते देख किसान को बीबी की दया आ गए.

वह पत्नी को को लेकर घर वापस आया और एक लाठी हात मे लेकर कुछ मन्त्र जैसे बडबडाने लगा तथा दीवारों पर लाठी मारने लगा. किसान की पत्नी बहुत डरी हुयी थी इसीलिए वह घर के बाहर ही रुकी और तभी किसान ने घर के चारो कोनो मे से जमीन से गुडिया निकल ली और उन्हें जला दिया.

उस दिन के बाद किसान की भी चांदी-चांदी हो गयी अब रोज वह रबडी-मिठाई और दूध खाने पिने लगा, अब वह रोज पेटभर खाना खाता और आनंद से खेती मे काम करने लगा.

तात्पर्य – Jadoo Ki Gudiya Suspense Hindi Story से सिख मिलती है की जैसा करोगे वैसा फल पाओगे इसीलिए हमेशा अच्छे कर्म करने से अच्छा फल मिलता है, और अपनों से धोखा करना मतलब खुद से धोखा करना होता है.

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