प्रिय पाठक,स्वागत है आपका आज की हिंदी कहानी संग्रह की Wafadar Baaj की Hindi Story पर. आज की कहानी एक बाज की है जो अपने मालिक के प्रति वफादारी दिखाता है. चलिए जानते है राजा जयचंद्र और वफादार बाज की प्रेरणात्मक हिंदी कहानी के बारे में.Wafadar Baaj Ki Hindi Kahani

राजा जयचंद्र को शिकार करने का बेहद शौक था. उन्होंने अपने शिकार करने की कला मे और अधिक ज्ञान बढ़ाने के लिए एक बाज पक्षी को पाल रखा था. राजा के मन मे भी Wafadar Baaj के प्रति बेहद प्रेम था. वह जहा भी शिकार के लिए जाते, उस बाज को साथ ले जाते थे.

एक दिन राजा जयचंद्र शिकार करने गए. शिकार का पीछा करते-करते वह बहुत दूर निकल गए. तब राजा ने बाज से कहा हे मित्र! शिकार तो हाथ से गया, अब तो बहुत प्यास लगी है. पानी की तलाश करो.

बाज जयचंद्र की बात सुनकर पानी की तलाश मे उड़ गया. पानी ढूंढते-ढूंढते बाज परेशां हो गया, मगर उसे कही पानी नजर नही आया, निराश होकर Wafadar Baaj राजा जयचंद्र के पास वापस लौट आया और बोला- ‘हे राजन! मुझे क्षमा करे मुझे कही भी दूर-दूर तक पानी नही दिखाई दिया.

‘राजा जयचंद्र ने बाज से कहा, ‘अब मेरा क्या होगा, मारे प्यास के हमारे गले मे कांटे चुभ रहे है.Wafadar Baaj Ki Hindi Kahani.

‘बाज बोला राजन आप धीरज रखिये, मै एक बार फिर से कोशिश करता हु. इतना कहकर वह एक बार फिर पानी की तलाश मे उड़ गया. Wafadar Baaj की वफादारी पर राजा का विश्वास था, लेकिन फिर भी इतने बड़े घने वन मे पानी कब मिलेगा वह सोचकर उसकी प्यास और बढ़ रही थी.

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उसके जाते ही राजा ने इधर-उधर देखा तो एक पेड़ के पास पानी की बूंद टपकती देखकर बड़े प्रसन्न हुए और अपना थैला खोलकर कटोरा टपकती बूंद के निचे रख दिया.

पानी बूंद-बूंद करके कटोरे मे भरने लगा. अभी कटोरा भरा ही था तभी बाज उड़ता हुवा उधर आ पंहुचा. बाज ने पानी के कटोरे की और देखा. उसी क्षण राजा जयचंद्र ने कटोरा उठाया और पानी पिने के लिए जैसे ही मुह की और बढाया, बाज ने तेजी से उड़कर अपने पंजे से झपट्टा मरकर कटोरे का पानी गिरा दिया.

यह देखकर राजा आग-बबूला हो उठा- ‘नमक हराम! तूने मेरे पिने के पानी को गिरा दिया जो कितनी मेहनत के बाद जमा किया था. मै अब तेरी बोटी-बोटी नौच डालूँगा.

इतना कहकर राजा ने म्यान से अपनी तलवार खीचकर बाज की गर्दन काट दी. बाज कुछ क्षण तडपता रहा और शांत हो गया. राजा उदास सा वही बैठ गया. कुछ देर वह उलटे पड़े कटोरे की और देखता रहा.

अचानक राजा के मन मे एक सवाल बिजली की तेजी की तरह आया. आखिर पानी पेड़ के ऊपर से कैसे और कहा से आ रहा है? और राजा ऊपर नजरे उठाकर देखने लगा. ऊपर नजर पढ़ते ही पेड़ पर देखकर बुरी तरह से कांप गए. क्योकि राजा जयचंद्र की आँखों ने बेहद बयानक और आक्रामक अजगर पेड़ पर लिपटा हुवा देखा. उसके मुह से राल के रूप मे पानी टपक रहा था.

अब राजा को कोई काटे तो खून ना निकले एसी स्थिति हो गए थी. वह वही बैठकर Wafadar Baaj के धड को हाथो मे उठाकर पछताने लगे. मगर अब क्या था? बिना सोचे-समजे उन्होंने अपने सबसे वफादार बाज को मार दिया था. राजा जयचंद्र रोते हुए अपने महल आये.

सिख- इस प्रकार से Wafadar Baaj की इस रोमांचक हिंदी कहानी मे सिख मिलती है की, सच ही कहा गया है, बिना देखे, सुने, सोचे-समजे किया गया काम आपको पछतावे के सिवा कुछ नही देगा.

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आशा करते है आज की Wafadar Baaj और राजा जयचंद्र की प्रेरणादायक हिंदी की कहानी आपको जरुर पसंद आयी होगी. इसी प्रकार की सुन्दर हिंदी कहानिया आपके ईमेल इनबॉक्स पर पाने के लिए ब्लॉग को सब्सक्राइब करे तथा इस पोस्ट को अपने मित्रो के साथ जरुर शेयर करे.

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