प्रिय पाठक, Share Market हर किसी को पसंद है, लेकिन बिना शेयर बाजार की जानकारी हासिल किये इसमें पैसा लगाना जोखिम भरा काम होता है यह हमने पिछले आर्टिकल्स मे भी बताया है. पिछले आर्टिकल मे आपने म्यूच्यूअल फंड्स क्या होता है यह बताया है. लेकिन क्या आप जानते है Mutual Funds कितने Types के होते है. क्या आप जानते है Mutual Fund Investment कैसे की जाती है? अगर नही तो इस पोस्ट मे आपको यह सारी जानकारी मिल जाएगी ध्यानसे पढ़े.Types Of Mutual Funds In Hindi.

म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट करने से पहले आपको उनके प्रकार जरुर जान लेने चाहिए क्योकि Mutual Funds Definition जाने बिना आप Stock Market से पैसा कमाने के बारे मे सोचिये भी मत. ध्यान रखिये अधुरा ज्ञान कभी संकटमोचक नही होता है. तो चलिए यह भी जान लीजिये Mutual Fund Types कौनसे होते है.

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आर्टिकल के मुख्य विषय.

Types Of Mutual Funds (म्यूच्यूअल फंड्स के प्रकार).

1. Open Ended Schemes.

यह Mutual Funds पुर सालभर इन्वेस्टमेंट के लिए हमेशा ओपन रहते है. यह फण्ड रोज भी खरीद सकते है. म्यूच्यूअल फण्ड मेनेजरस ने फिक्स किये हुए Net Asset Value के मूल्य पर इसकी खरीद कर सकते है. इस स्कीम को Muturity Date नही होती है तथा इन्वेस्टर कभी भी इस स्कीम से बाहर निकल सकता है. ओपन एंडेड स्कीम के चार भाग होते है.

Debt Fund.

डेट फण्ड इसीको Bond debt से जुड़े म्यूच्यूअल फंड्स कहा जाता है. इस प्रकार की स्कीम में की गयी इन्वेस्टमेंट यह सिर्फ Goverment Private Company के बोंड डेट (Bond), Bank deposits, Money Market वगैरा सिक्योर टूल्स मे किया जाता है. इस प्रकार की स्कीमस मे ब्याज दर के बदलाव, Credit Rating Changes का जोखिम होता है.

बोंड डेट स्कीम मे कुछ दिनों से कुछ सालो तक के अवधी तक निवेश कर सकते है. जोखिम बेहद ही कम होता है. इस प्रकार की स्कीम मे Saving Accounts के लिए बेस्ट ऑप्शन है. डेट फंड की डिफरेंट स्कीम्स होती है. Refund Interest rates के अनुसार उतार-चढाव मिलता है. इसके भी पाच प्रकार होते है जो निचे दिए गए है.

  • Flexible Fund Mutual Fund.
  • Gift Of Mutual Funds.
  • Short Term Mutual Fund.
  • Long-Term Mutual Funds.
  • Ultra Short Term Funds.

Money Market Liqued Fund.

मनी मार्किट लिक्वड फण्ड भी पुरे साल निवेश के लिए खुले रहते है. हम यह फण्ड डेली भी खरीद सकते है. Matual Funds Manager द्वारा फिक्स की गयी NAV के मूल्य पर इसकी खरीद कर सकते है. इन फंड्स की भी मेचुरीटी तारीख नही होती तथा निवेशक इस स्कीम से भी कभी भी बाहर निकल सकता है.

लिक्विड फंड्स केवल डेट म्यूचुअल फंड होते हैं जो अपने पैसे को Short Term Market Instruments जैसे Treasury Bills, Government Securities और Call Money में निवेश करते हैं जो कम जोखिम वाले जोखिम को पकड़ते हैं. ये फंड 91 दिन की Maturity Date तक Instruments में निवेश कर सकते हैं Maturity ज्यादातर उस से बहुत कम होती है.

Equity Fund.

सिर्फ बड़े-बड़े कंपनी के Shares खरेदी करनेवाले Mutual Funds को Diversified Lorge Equity Fund कहा जाता है. बड़े और मीडियम आकार के कंपनी के शेयर्स खरेदी करनेवाले म्यूच्यूअल फंड्स को Diversfide Lorge & Mid Cap Equity Scheme कहते है. छोटे और मीडियम आकार के कंपनी के शेयर्स खरेदी वाले म्यूच्यूअल फण्ड को डायव्हर्सीफाईड मिड और स्मोल इक्विटी स्कीम कहते है.

बड़े और मीडियम तथा छोटे कंपनी के Shares खरेदी करनेवाले Mutual Funds को डायव्हर्सीफाईडमल्टी कैप इक्विटी स्कीम कहा जाता है. एक ही प्रकार के सेक्टर के कंपनी के शेयर्स मे निवेश करने वाले म्यूच्यूअल फंड्स को Sectoral Fund कहते है. एक ध्यान रखे इन सभी योजनाओ का केंद्र बिंदु यह Equity ही होता है. यह सभी Schemes जोखम से बाहर ले जाने वाली होती है.

Balanced Fund.

सभी प्रकार के कंपनी के शेयर्स और Debentures Investment करने वाले म्यूच्यूअल फंड्स को बैलेंस्ड फण्ड कहा जाता है. इसके भी दो टाइप्स होते है जो निचे दिए गयी है.

  • Monthly Income Plan (MIP).

इस प्रकार की Schemes मे 20% से 25% अमाउंट कंपनी के शेयर्स मे निवेश की जाती है और 75% से 80% अमाउंट Governemnt Private Company के Bonds, बैंक डीपोजीट मे निवेश की जाती है. रिटायर्ड हो चुके लोग या जिन्हें कम जोखम इनकम चाहिए होता है वह इस स्कीम मे इन्वेस्ट कर सकते है.

  • Equity Oriented Hybrid Speciality Funds.

स्पेशलिटी फंड्स यह Children Plans, Educational Plans वगैरा मे निवेश करना Speciality Equity Oriented Securities श्रेणी का हिस्सा होता है.

2. Close Ended Schemes.

यह Mutual Funds क्लोज एंडेड स्कीम के अंडर ख़रीदे जाते है. यह Schemes साधारण तौर से तीन साल की अवधी के होते है. लेकिन कुछ स्कीम की समय इससे भी ज्यादा समय का हो सकता है. यह शुरुवात से ही निवेश के लिए खुली होती है. इसमें Maturity Date से पहले फिर से निवेश नही कर सकते. बहुतसी Schemes समय सीमा के बाद ओपन एंडेड स्कीमस मे ट्रान्सफर होती है.

इसमें से कुछ योजनाये स्टॉक एक्सचेंज मे Registerd की जाती है और जो Stocks Exchange रजिस्टर हुयी होगी वही उसकी खरीद और बिक्री कंपनी के शेयर्स के हिसाब से कर सकते है. ज्यादा जानकारी के लिए आपको बता दे की Close Ended Scheme के भी दो प्रकार होते है जो निचे बताये गए है.

  • Capital Protection Funds.

इस स्कीम का मुख्य उद्देश कर्ज और मनी मार्केट के एक पोर्टफोलियो में निवेश करके Capital Amount को Protect करना है जो कि डेट ऑफ़ मेचुरिटी से पहले या उससे पहले Expired हो रहे हैं. इसका उद्देश्य इक्विटी और Equity Related Instruments में निवेश के जरिए Capital Appreciation प्रदान करना है

  • Fixed Maturity Plans.

यह भी Mutual Fund Schems हैं, जहां मचुरिटी तारीख तय हो गई होती है और इस समय के दौरान उन्हें निकाला नहीं जा सकता . हालांकि, ऐसे वैकल्पिक मार्ग से, कोई स्टॉक एक्सचेंज में एक Buyer खोज सकता है और उन Units को उन्हें बेच सकता है. Capital Protection Plans; जैसा कि नाम से पता चलता है, इन म्यूचुअल फंड योजनाओं का लक्ष्य Capital Protection करना है. इसका मतलब है कि उद्देश्य कैपिटल प्रोटेक्शन है और ज्यादा जोखिम नहीं उठा रहा है. आम तौर पर ऐसे MF Schemes में रिटर्न कम होते हैं.

3. Interval Schems.

इंटरवल स्कीमस यह Mutual Funds ओपन इंडस और क्लोज एंडेड स्कीमस के जॉइंट रूप होते है. यह स्कीमस Fixed term तथा Repurchase के लिए उपलब्ध होती है. Units का स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार किया जा सकता है या Net Assests Value पर Pre-Determined Intervals के दौरान Sell और Redemption के लिए खुला हो सकता है.

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mutual funds me nivesh kaise kareइस प्रकार से आपने Mutual Funds के प्रकार के बारे मे जाना, लेकिन क्या आप जानते है म्यूच्यूअल फंड्स मे निवेश किस प्रकार से की जाती है? तो चलिए वह भी जान लेते है.

Mutual Funds Investment Types In Hindi.

म्यूच्यूअल फण्ड में आप तीन प्रकार से निवेश कर सकते है जिनकी जानकारी विस्तार से निचे दी गयी है.

  1. Equity Stocks.
  2. Fixed Income Funds (Bonds).
  3. Money Market Funds.

इक्विटी स्टॉक्स.

इस प्रकार की Schemes मे धीरे-धीरे लेकिन Long Term के लिए निवेश किया जाता है. खरेदी करने के लिए थोड़ी थोड़ी लेकिन रेगुलर अमाउंट निवेश करनी होती है जैसे हर माहिरे 1000 रुपयों से लेकर 5000 रूपए तक निवेश करते जाये इसी को Systematic Investment Plan (SIP) कहा जाता है. यह एक Best और Famous Investment Technique है. इससे Average and compounding का फायदा मिलता है इसी के साथ-साथ जैसा हमें चाहिए वैसा इनकम भी मिलता है.

फिक्स्ड इनकम फंड्स.

इसी फण्ड को Debt Fund भी कहा जाता है. जो म्यूच्यूअल फण्ड Fixed Income देनेवाले जैसे Bonds, Treasury Bills, Gift Fund, Monthly Income Plans (FMPs), Short Term Plans (STPS, Liquied Fund और Fixed Maturity Schemes वगैरा मे निवेश किये जाते है उन्ही को फिक्स्ड इनकम फंड्स कहा जाता है. मेरे हिसाब से बैंक और FD से ज्यादा इनकम यहाँ से मिलता है उल्टा बैंक और एफ डी Taxable होती है.

मनी मार्किट फंड्स.

जो Mutual Funds Short Term Income Plan, Low Risk Securities मे पैसे निवेश करते है उसकी Money Market Fund कहा जाता है.

Importance Of Investment.

इस आर्टिकल का उद्देश सिर्फ हमारे पाठको तक निवेश का महत्त्व समजाना है. Investment करना आज के समय मे बेहद जरुरी है. निवेश करना यह कितना फायदेमंद है यह किसी को भी अलग से समजाने के जरुरत नही है. इन्वेस्टमेंट यह फ्यूचर के लिए और संकट के समय मे बेहद फायदेमंद होता है. बढ़ती महंगाई और लिमिटेड इनकम होने की वजह से Savings करना भी बेहद मुश्किल हो गया है फिर भी Savings Importance को कोई नकार नही सकता.

पैसे को होशियारी से ही निवेश करना चाहिए तभी इन्वेस्टमेंट की सही ताकद समज मे आएगी. बहुतसे निवेशको को यह सवाल पढता है की, हमारे आस पढ़ी इनकम कहा इन्वेस्ट करे और वह क्यों इन्वेस्ट करे? अगर आप को भी यह सवाल सता रहा है तो इसके लिए बेहद रास्ते उपलब्ध है जिसमे Share Bajar, Matual Funds, Commodity Market, Real Estate, Unit Linkd Insurance Policy, Exchange Traded Funds जिसे ETF भी कहां जाता है इन सब मे आप थोड़ी-थोड़ी अमाउंट इन्वेस्ट कर सकते है. लेकिन ध्यान रहे हर चीज के लिए प्लानिंग और रिसर्च बेहद जरुरी होता है.

लेकिन एक और बात हम आप को बताना चाहेंगे की कोई भी कभी पूरी तरह से सिख नही सकता. हमेशा सिखने की प्रबल इच्छा होनी चाहिए. जीवन मे निवेश की शुरुवात जल्द से जल्द करनी चाहिए, निवेश धीरे-धीरे ही सही लेकिन रेगुलर करते रहना चाहिए और सबसे जरुरी इन्वेस्टमेंट सिर्फ अपने इनकम से कमाए गए पैसो से करने चाहिए ना की लोन लेकर. फिर चाहे आप International Mutual funds की तरफ ही क्यों ना अपना रुख ले जाए.

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आशा करते है Mutual Funds के प्रकार और Invesement Imprtance का यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा. इसीप्रकार की स्टॉक मार्किट से जुडी हर जानकारी सबसे पहले पाने के लिए आप इस ब्लॉग को सब्सक्राइब कर सकते है. अगर आपको Types Of Stock Funds का यह आर्टिकल पसंद आया होगा तो इसे सोशल मीडिया मे शेयर करना ना भूले.

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