प्रिय पाठक, स्वागत है आप गुल ने सनोबर के साथ क्या किया पार्ट ९ की इस रहस्यमय Hindi Ki Kahani पर. पिछली कहानी के पार्ट 8 के अंतिम चरण के बाद इस पार्ट की शुरुवात करते है.

उससे पहले हम आपको अवगत करना चाहेंगे की इस कहानी का झुकाव पाठको की तरफ देखते हुए जल्द ही हम इसे ख़त्म करने की कोशिश कर रहे थे. बाकि पार्ट भी इन दिनों अब फटाफट ख़त्म कर दिये गए है.

Gul Sanobar Ajgar Se Samana Ki Hindi Ki Kahani Part 9

Hindi Ki Kahani की सीरिज की यह रहस्यभरी हिंदी कहानी को काफी ज्यादा पसंद भी किया जा रहा है. चलिए शुरुवात करते है. दोपहर का समय था.

धुप तेजी से अपनी छाप छोड़ रही थी. पूरा प्रदेश धुप से लाल हो चूका था.

पेड़ के पत्ते पूरी तरह से मुर्जा  चुके थे .तेज धूप की गरम हवाओ ने पुरे शरीर को गला दिया था पसीने से लटपत हो चूका था, आखे भी घुमने लगी थी.

> Read – JamilaaBanu Se Mulakat Gul Ne Sanobar Ke Sath Kya Kiya Part 7.

गुल सनोबर हिंदी की कहानी.

बहुतसे Hindi Ki Kahani होती है जहा आपने रेगिस्तान के बारे मे बहुत कुछ पढ़ा होगा. उसी प्रकार कुछ ही क्षण मे शहजादा एक बड़े पेड़ के निचे आके खड़ा हुवा. उस रेगिस्तान मे सिर्फ वह एक ही पेड़ खड़ा हुवा था.

उस पेड़ की छाव बहुत दूर तक फैली थी, उस पेड़ पर मीठे फल भी लगे हुए थे. शहजादे को अब काफी भूख लगी थी.

उसने वही पेड़ के निचे पंछियों ने खाए बहुतसी निचे पढ़े फल को खाने का फैसला किया. क्योकि वह कोई जहरीली भी नही थी तो खाने मे कोई नुकसान नही यह सोचकर शहजादे ने अपनी भूक मिटाने के लिए फल को खाना शुरू कर दिया.

पेट भरते ही धुप की वजह से थके हुए होने की वजह से उसी पेड़ के निचे आराम करने के लिए सो गया. फिर थोड़ी ही देर मे शहजादे को कुछ आवाज सुनाई दी वह उसने दचकते हुए उठकर देखा तो एक विचित्र चमत्कारिक दृश्य देखने को मिला.

एक बहुत बड़ा अजगर अपना मुह खोले हुए बैठा हुवा था और सिर्फ अपने सांस लेने भर से ही दूर तक खड़े प्राणियों को भी अपने जबड़े के अन्दर ले रहा था जो उसका भक्ष बनते जा रहे थे.

वह भयानक अजगर धीरे-धीरे शहजादे की तरफ सरकते हुए मुह फैलाये बढ़ने लगा. कुछ ही देर मे शहजादा भी अजगर के उस चक्रव्यूह मे खीचा जाने लगा और तेजी के साथ उस अजगर के मुह की और उड़ने लगा. अब शहजादे को पूरा यकीन हो गया की वह सीधे उस अजगर के पेट मे खाना बनने जायेगा.

अजगर से सामना.

लेकिन तभी शहजादे को एक आइडिया आयी उसने उसी तेजी के साथ अजगर के मुह मे जाते ही अपनी तलवार निकाली और बिलकुल सीधे उसके मुह के अन्दर रख दी जिससे उस भयानक अजगर को मुह बंद करने मे समस्या आ जाये.

फिर भी अगर उसने मुह बंद करने की कोशिश की तो उस तेज तलवार से उसकी मुख में  जख्म हो जाये.

Gul Ne Sanobar KE Saath Kyaa Kiya Hindi Ki Kahani

उसकी चाल सफल हो गयी .अजगर ने जब मुह बंद करने की कोशिश की तो तब तलवार उसके मुह में पूरी तरह से फँस गयी और वह भयानक चिल्लाने लगा और जमीन पर निचे घुमने लगा .

उसी वक्त समय देख के शाहजादे ने बड़ी ही चतुराई से अपने कमर से खंजर निकाल के एक एक कर के वार करने लगा .थोड़ी ही देर में  अजगर खून से लथपथ  होकर वही ढेर गया. उसकी पूरी तरह से हलचल बंद हो गयी.

शहजादे ने उस मरे हुए अजगर के  तुकडे तुकडे कर के उस पेड़ के ऊपर के शाह्म्रुग  के बच्चो को खिला ने को दे दिया . और उसके बाद वह थक के वही सो गया .

थोड़ी देर बाद आसमान में पूरी तरह से काले बादल छा गए, सब जगह  अँधेरा हो गया . जोर से हवा चलने लगी और अगले ही पल वहा पे एक शहामृग का जोड़ा  उतरा .

> Read – Latifabaanu Jadugarani Ke Jaal Me- Gul Ne Sanobar Ke Sath Kya Kiya Part 6.

उसका खून. 

आसपास  पड़ा हुआ खून , मांस के टुकड़े देख के  और पास में ही सोये हुए शाहजादे को देख के उन शाह्म्रुग को अलग ही शक हुआ उन्हें लगा.और उस नर शाह्म्रुग ने अपनी मादा शाहामृग से कहा की यह जो  दृष्ट  आदमी सोया है  उसी ने हमारे बच्चो को खाया हो गा .

मै  अब  उस को मारे  बिना नहीं रहूँगा  . ऐसा कह के वह अपने नुकीली चोंच से  उस आदमी को मारने आगे गया .

परन्तु उसे रोकते हुए उसे मादा शहामृग बोली .रुको  तुरंत एसा  मत सोचो पहले हम हमारे बच्चो को देख लेते है , नर शहामृग को यह बात सही लगी और दोनोही अपने घोंसले की तरफ निकल पड़े. घोंसले के पास पहुचते उन्होंने देखा की उनके बच्चे मांस खाके शांति से सो रहे थे. पास में ही मांस के कुछ टुकड़े गिरे पढ़े थे.

मादा शहामृग ने बच्चो को जगाया और कहा की किस तरह से शहजादे ने भयानक अजगर को मार गिराया. वह अजगर ख़त्म हो गया यह सुनकर वह जोर-जोर से चिल्लाते हुए नाचने लगे. उनकी उन आवाजो की वजह से शहजादा नींद से जाग उठा और अपनी आखे नौचते हुए उनकी तरफ देखने लगा.

वह शहामृग शहजादे को कृतघ्न होकर बोला ‘हे शुर योद्धा’ तुमने उस दृष्ट अजगर को ख़त्म करके हमपर बहुत बड़ा एहसान किया है, वह दृष्ट हमेशा हमारे बच्चो को खा जाता था और हमें नुकसान पहुचता रहता था. पहले तो हमें तुम्हे देखकर अविश्वास हुवा था उसके लिए हम क्षमा माँगते है.

शहजादे की Hindi Ki Kahani.

‘अरे बापरे’ इन पंछियों की आवाज मुझे कैसे समज आ रही है? यह तो जैसे किसी Hindi Ki Kahani मे होता है एसा मेरे साथ हो रहा है. शहजादा यह सोचकर आश्चर्यचकित हो गया और खुद से ही बोलता रहा.

लेकिन शहामृग ने उसके इस सवाल की पहेली का जवाब देते हुए कहा, हे शहजादे इस पेड़ के फल जो कोई खाता है उसे पुरे जानवर-पंछियों की आवाज सुनायी देने की शक्ति प्राप्त हो जाती है.

> Read – Gul Ne Sanobar Ke Sath Kya Kiya Part 5.

इसीलिए तुम हम सबकी भाषा समज पा रहे हो. यह कोई दादियो द्वारा सुनायी जानी वाली Hindi Ki Kahani जैसा कोई सपना नही है. लेकिन हे परोपकारी इंसान तुम हो कौन? और यहाँ क्या कर रहे हो? इतने दूर तुम किस लिए आये हो?

क्या हम तुम्हारी कोई मदत कर सकते है? तुम्हे मदत करते हुए हमें बेहद ख़ुशी होगी.

शहजादे नि पूरी दास्तान उन्हें बताई. उसपर शहामृग ने कहा, हे शहजादे यहाँ से थोड़े ही दूर एकसाथ मिले हुए साथ महासागर फैले हूये है.

उन महासागर के उस पार ही वह वाफाक शहर है. मै तुम्हे अपने पैरो से बांधकर उस शहर मे छोड़ सकता हु लेकिन इस सफ़र को बहुत दिन लगेंगे. इसीलिए खाने के लिए तुम खूब सारे फल साथ ले लो.

उस रात को वही रूककर आराम करने के बाद सुबह होते ही शहजादे ने भरपूर फल इकट्ठा किये और दोनों अपने सफ़र के लिए वाफाक शहर की निकल पढ़े. शहजादे ने खुद को इतना अच्छी तरह से पैर से बांध लिया की वह जल्दी से छुटे नही.

उस प्रचंड शहामृग ने आकाश मे उड़ान भरी और तेजी के साथ आसमान मे जा पहुचे.

कहानी का अंत.

आसमान मे उनका यह सफ़र काफी दिनों तक चलता रहा. निचे पुरे महासागरो मे नीला पानी भरा हुवा था. शुर शहजादे के मन मे भी अब थोड़ी घबराहट तो होने ही थी की अगर गलती से भी अगर शहामृग के पैर से छुट जाए तो सीधे समंदर के अन्दर.

लेकिन भाग्य से एसा कुछ नही हुवा. बहुत दिन के बाद आखिर वह सफलता के साथ महासागरो के पार किनारे पर आ ही गए.

किनारे पर आते ही शहजादे ने खुद को शहामृग के पैरो से खुद को अलग किया. शहामृग ने उसे एक का एक टुकड़ा देते हुए कहा, ‘ यह टुकड़ा तुम अग्नि के साथ जलाते ही मै फिर से तुम्हारे सामने आ जाऊंगा इसे तुम अपने पास रखो.

शहजादे ने उस पंख के तुकड़े को लेते हुए उसका शुक्रिया अदा किया और कहा आपके यह एहसान मै की चुकाऊ अगर आप नही होते तो मुझे नही लगता की मै इन सात समन्दरो को पार करके वाफाक शहर तक पहुच पाता. इतना कहकर शहजादे ने उसे अलविदा कहा.

Hindi Ki Kahani के अंत मे शहामृग के वहा से जाते ही शहजादे ने अपना रुख वाफाक शहर की तरफ किया. उसने देखा बड़े-बड़े आसमान को चुने वाली जैसी इमारतो से बना वह शहर जैसे उसके सामर्थ्य को चेतावनी दे रहा था क्योकि गुल ने सनोबर के साथ क्या किया इस सवाल का जवाब आखिर उसी शहर मे जो छुपा हुवा था.

> Read – Gul Ne Sanobar Ke Sath Kya Kiya Part 4.
> जरुर पढ़े – Gool Ne Sanobar Ke Sath Kya Kiya Part 3.
> Read –  गुल ने सनोबर के साथ क्या किया पार्ट 2.
> अवश्य देखे – गुल ने सनोबर के साथ क्या किया पार्ट १.

इसप्रकार से गुल ने सनोबर के साथ क्या किया पार्ट ९ की Hindi Ki Kahani ख़त्म हुयी. आशा करते है आपको यह हिंदी कहानी पसंद आयी होगी इसीप्रकार की बेहतरीन हिंदी की कहानिया अपने ईमेल इनबॉक्स पर पाने के लिए ब्लॉग को सब्सक्राइब करे. अगले पार्ट १० की हिंदी की कहानी पढ़ने के लिए लिंक को ओपन करे और अपने मित्रो के साथ भी इस रहस्यमय कहानी से अवगत करने के लिए सोशल मीडिया मे जरुर शेयर करे.

***