airplane crash होने की कई घटनाएं आपने सुनी होंगी लेकिन विमान दुर्घटना होने के बाद भी किसी एरोप्लेन पायलट के bhoot के pret को बार-बार विमान के cabin मे देखे जाने के बारे मे नहीं सुना होगा। एक एसी ही हैरत अंगेज हिंदी कहानी विमान के प्रेत की है जो भूत बनकर भी लोगो को बार-बार दिखाई देता रहा है।

विमान के प्रेत जो airplane दुर्घटना के बाद भी लोगो को दिखाई देते है. 1

एक एसी ही भूत प्रेत की सच्ची घटना जो आसामान मे घट चुकी है, और लोगो के मन मे डर पैदा करती विमान के प्रेत की कहानी कैसे ख़त्म होती है इस आर्टिकल के जरिये आपके सामने ला रहे है। यह भुत प्रेत के किस्से भी बड़े अजीब होते है अंत तक पीछा ही नहीं छोड़ना चाहते। लोगो के मन मे एक सवाल कभी पीछा नहीं छोड़ता आखिर भूत प्रेत क्यो दिखाई देते है

जरुर पढ़े – भूत प्रेत क्यो दिखाई देते है.

Airoplain Crash की घटना एक भूत की कथा.

ईस्टर्न एयर लाईन्स कम्पनी का ट्राईस्टर-318 विमान खुले आसमान मे उड रहा था। जहाज मे 180 मुशाफिर थे, जो न्यूयॉर्क से फ्लोरिडा समुद्रतट पर जा रहे थे। यात्रियों को नाश्ता देने के लिये विमान परिचारिका फे मैरिवेदर अपनी सीट से उठी और भोजन गृह की ओर गयी।

उसने खाद्य सामग्री को ताजा तथा गर्म रखने की भट्टी के तरफ जैसे हि हाथ बढ़ाया, उसकी चीख निकलते निकलते रह गई. भट्टी के शीशो के पीछे से एक चेहरा झांक रहा था यह कैसे संभव हो सकता था फैनी ने डरकर आंखें बंद कर ली।

आंखें खोलने पर उसने पाया कि वह कुछ नहीं था जो उसने अभी देखा था। उसने फिर हाथ बढ़ाकर भट्टी में से ताजा नाश्ते की ट्रे निकालने का इरादा बनाया ही था, मगर तभी जैसे टेलीविजन का स्विच चालू हो गया हो। वही चेहरा भट्टी के अंदर फिर दिखाई देने लगा उसके होंठ हिल रहे थे न जाने वह क्या बोल रहा था।

गिरती पडती फे वहां पहुंची जहां फ्लाइट इंजीनियर मेवर बैठा था मयोर फे की बात समझ नहीं पाया. आखिर वह उसके साथ आया तभी चेहरा वही था मयोर और फे दोनो ने साफ साफ सुना, वह चेहरा गायब हो गया।

विमान के प्रेत जो एक विमान दुर्घटना का शिकार हो गए.

वह कह रहा था- सावधान रहो, जेट मे आग लग गई है.’ इसी के साथ वह चेहरा गायब हो गय। मयोर ने भली भांती पहचाना, वह पिचला फ्लाईट इंजिनियर डॉन रेपो था, जो एक विमान दुर्घटना मे मारा गया था।

उस समय किसी ने डॉन रेपो की भुत बात पर विश्वास नही किया। मगर कुछ ही घंटो बाद मेक्सिको की यात्रा के दौरान इंजन मे कुछ खराबी आ गई और विमान को बीच रास्ते से मरम्मत के लिये न्यूयॉर्क वापस लाना पडा।

मरम्मत के बाद विमान को उसकी जांच के लिये उडाया ही गया था कि उसका जेट इंजन बम की मानिंद फट गया। डॉन रेपो का प्रेत सच बोल रहा था। अमरिकी उच्चधिकारिओ ने उडान सुरक्षा संगठन के रिकार्ड मे दर्ज किया है की यदी उस दिन भी पर्याप्त सावधानी न बरती गयी होती, तो पता नही क्या होता।

केवल डॉन रेपो ही नही, सन 1972 मे उसके साथ लॉकहिड एल 1011 ट्राईस्टर की उडान संख्या 401 मे 97 मुसाफिरो के साथ बेमौत मारा गया था।

पायलट बॉब लोफ्ट भीी विभिन्न अवसरों पर लोगो को नजर आ जाता रहा है। उस दुर्घटना में विमान के जो अंग सकुशल बच गए थे। उन्हें लॉकहीड कम्पनी ने नयेे विमानों केे प्रयोग के लिए इस्तेमाल कर लिया। विमान का वह भाग जहा खानपान का सामान गर्म करने वाली भट्टी के पीछे डॉन रेपो का चेहरा फे ने देखा था, पहले उस दुर्घटनाग्रस्त विमान में ही लगा था। जिसमे रेपो तथा लाफ्ट मारे गये थे।

पहली बार यह प्रेतलीला सन 1973 में हुई तब ईस्टर्न एयरलाइंस के उपाध्यक्ष भी क्षतिग्रस्त विमान के पुर्जो को लगा कर नए बनाए गई ट्राईस्टर 318 मे सवार थे। उनके पास ईस्टर्न एयरलाईन्स की वर्दी पहणे एक कॅप्टन बैठा हुवा था, वह उससे बात करने लगे।

फिर अचानक ही उनका ध्यान उस चेहरे की तरफ गया। वह चौके, ऐसा कैसे हो सकता है था। पायलट बॉब लाफ्ट को मरे एक साल बीत चुका था और वह उनके पास बैठा था। वह भागकर पायलट के केबिन की तरफ गये।

विमान के कर्मचारी जब वहा आये, तब तक बॉब लाफ्ट का प्रेत गायब हो गया था। एक अन्य अवसर पर नियमित उडान से पहले जब फ्लाईट इंजिनियर जांच के लिये ट्राईस्टर-318 में घुसा था, तो उसने पाया की उसकी सीट पर डॉन रेपो का भूत पुरी वर्दी मै बैठा कलपुजो का निरीक्षण कर रहा था।

वह यह कहकर गायब हो गया कि अधिकारी ने जब खुद एक वापसी उडान के दौरान मियामी से अटलांटा की यात्रा से पहले जांच करना चाही, तो उसने भी संयंत्रो के पैनल बोर्ड के सामने डॉन रेपो के प्रेत को तन्मयता से पडताल करते पाया।

ईस्टर्न एयरलाईन्स ने सन 1974 मे विमानचालको के लिये सुरक्षा के निर्देश जारी करते समय, इन घटनाओ का विशेष रूप से जिक्र किया है, जिससे विमान-कर्मचारी मुसीबत के समय हौसला न खोये।

डॉन रेपो तथा बॉब लाफ्ट के मरने के 18 महीने बाद जब ट्राईस्टर-318 में विशेष प्रार्थनाये की गयी, तबसे उन दोनों प्रेतात्माओं को दुबारा नही देखा गया। कम्पनी के अधिकारी और कर्मचारी न चाहते हुए भी प्रार्थनाओ के लिये विवश थे क्योकि लोगो ने दहशत के मारे विमान में चढ़ना  बंद कर दिया था।

विमान के प्रेत का सच.

हा यह बात अवश्य ही चौकाने वाली है कि सन 1974 मे रेपो तथा लॉफ्ट के साथ विमान दुर्घटना में मारे गए 97 कर्मचारियों और यात्रियों के भूत ट्राईनस्टर-318 में क्यों नही दिखायी दिये? आखिर क्या राज था इन bhoot का बार बार दिखने का, यह राज भी उन्ही के साथ दफन हो गया।

आशा करते है आपको विमान के प्रेत की भूत की सच्ची कहानी पसंद आयी होगीविमान के प्रेत का सच। भूत प्रेत का सच आज भी लोग जानना चाहते है, समजना चाहते है। लेकिन यह सब के समजने तक ही कुछ अजीब घटना को जन्म दे जाता है जो इस विमान के प्रेत की हिंदी कहानिया मे बताया गया है।

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