आज की कहानी उस भुतहा जहाज के बारे में है जो सच्चाई तो है लेकिन किसी के सामने नहीं आना चाहती, लोगो को दिखाई तो देता है पर उसका होने का कोई सबूत नहीं छोड़ना चाहती.

जी हा दुनिया का कोई कैमरा उसे कैप्चर नहीं कर सकता. Bhoot Pret Aatmaye क्या चाहती है यह सच्चाई छुपाकर यह जानने के लिए पुरे कहानी पढ़िए.

भुतहा जहाज Haunted Place In World
भुतहा जहाज.

“फ्लाइंग डचमेंन चार बजे सुबह हमारे पोत के बिलकुल पास से होकर निकला. उस पर एक विचित्र सी रहस्यमय रोशनी फैली हुई थी.

उस भुतहा रोशनी से पुरा जलपोत जगमग कर रहा था. मगर कुछ देर बाद जब पड़ताल की गयीं तो वहा कही कोई पोत नजर नही आया.”

यही वह रिपोर्ट थी, जो 11 जुलाई, 1881 को 16 वर्षीय राजकुमार जॉर्ज ने ब्रिटेन के युद्धपोत इंकॉन्सटैंट की Note में दर्ज की थी. उनके अतिरिक्त इंकॉन्सटैंट के दुसरे तेरह नाविकों ने तथा साथ चल रहे दो अन्य जहाजो पर मौजुद नो सैनिको ने भी यह देखा.

12 जुलाई को इंकॉन्सटैंट के पोत ध्वज की निगरानी मीनार पर खड़ा सामने वाला नाविक एल्फ्रेड नीचे गीर कर मर गया. जलपोतों के एडमिरल की मौत कुछ दिन बाद ही हो गयी.

आर्टिकल के मुख्य विषय.

भुतहा जहाज.

वह भुतहा जहाज था- डच ईस्ट इंडियामेन एमस्टरडम से हिंदुस्थान के मध्य लगातार यात्राएं करने वाले उस्ताद नाविक कप्तान हैण्डरीक वान का जहाज अपने समय का चमत्कार ही था, क्योंकि 17 वी शताब्दी के दौरान इसी जहाज से कप्तान डेकेन ने न जाने कितना माल पैदा किया.

यह हिंदुस्थान से मसाले और जवाहरात लादकर लाता तथा जर्मनी तथा ब्रिटेन से कपड़ा, हथियार और अन्य सामान भारत के व्यापारियों को बेचता.

डेकेन को जहाज की मरम्मत तथा उसे मजबुत बनाने की कला आती थी वह अपने जहाज को लगातार निखारने में लगा रहता था. मगर अपने साथियों पर खर्च करने के लिये उसके पास न तो कोई धन होता था, न मकसद.

एक यात्रा के दौरान भारत पहुँचने से पूर्व अफ्रीका के पास केप ऑफ़ गुड़ होप स्थान पर समुद्र में भयंकर तुफान आ गया.

नाविकों ने तुफान की बढ़ती गति का अनुमान लगाकर, कप्तान डेकेन से प्रार्थना की कि जहाज को तूफ़ान के रास्ते से हटा लिया जाये. लेकिन डेकेन को अपने पोत पर इतना घमंड था कि वह नही माना.

थोड़ी ही देर में तुफान ने डच ईस्ट इंडियामेन के परखच्चे उड़ाकर रख दिये. उससे बचकर निकले एक नाविक ने मरने से पूर्व अफ्रीका की समुद्री सीमा से मछली पकड़ने वालो को यह घटना बतायी थी.

मगर मौके पर जाने पर उस जहाज का मलबा तक दिखाई नही दिया. फिर भी अधिकांश मामलो में भुतहा जहाज को देखे जाने की सूचनाएं इसी क्षेत्र से प्राप्त हुई है. मार्च, 1939 में ग्लेंकैर्ण तट पर फाल्स बे पर  सूर्य स्नान में लगें करीब 150 लोगो ने  इसी जहाज को देखा था.

पुराना भुतिया जहाज.

केपटाउन के दक्षिण पुर्व मे स्थित इस तट पर उस समय हंगामा हो गया, जब कोलम्बस के समय का पुराना जहाज अपने पाल ताने हुए उस तट के सामने होकर निकलता नजर आया.

इससे पहले की लोग अपने कैमरा के बटन दबाते भुतहा जहाज जलभीत हवा में लुप्त हो गया. सितंबर 1942 में इसी जहाज को केपटाउन में मोड़ले प्वॉइंट के सामने से टेबल बे की तरह जाते देखा. सैकडो लोगो ने उस रैबेन द्वीप के पीछे गायब होते देखा उसके बाद फ्लाइंग डचमेन किसी को नही दिखाई दिया. क्यो? यह अभी तक एक रहस्य ही है.

दुनिया में कई विचित्र भूत प्रेत की कथाये सुनायी, देखी जाती है. कुछ पर विशवास करने का मन करता है, कुछ पर विशवास ही नहीं होता है. कई घटनाएं तो काल्पनिक होती है फिर भी वह सामने नजर आती है और कुछ घटनाएं सच होती है जो वहम सी लगती है. इसी तरह भूतहा जहाज की यह कहानी है.

जो भी हो इस दुनिया में कई Top Haunted Places है जहा आज भी अनेको किस्से सुनाये जाते है, कई Haunted Place है जहा कोई जाना ही नहीं चाहता. इसी तरह की Most Haunted Places In World की घटनाएं पर हम कई आर्टिकल लिख चुके है जिन्हें आप पढ़ सकते है. आशा करते है आज की भुतहा जहाज की रहस्यमयी कहानी आपको जरुर पसंद आयी होगी.

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