प्रिय पाठक, स्वागत है आपका आजकी पोस्ट Hindi Story Collection की Rajkanya Meherangej Se Badla- Gool Ne Sanobar Ke Sath Kya Kiya पार्ट 3 पर. अगर आपने अब तक इस कहानी का पार्ट 1 और पार्ट 2, नही पढ़ा है तो कृपया जरूर पढ़े जिससे इस कहानी को शुरू से आप जान सके.

Gool Ne Sanobar Ke Sath Kya Kiya Part 3- Ansulajhi Rochak Hindi Kahani

चलिए शुरु करते है हिंदी की कहानिया संग्रह की सुंदर कहानी को, बादशाहने एक के बाद एक अपने छह पुत्रो को मरा हुवा देख पुरे महल और बादशाह के मन मे काली छाया छा गयी. इतना ही नही बादशाह तो इतने दुखी हो गए की उनमे न तो एहसास थे, ना चैतन्य चेहरे पर था.

बादशाह का सबसे छोटा सातवा बेटा शहजादा अल्माशरूह्बख्ष भी बेहद अस्वस्थ हो गया था. मेहेरंगेजने अपने प्राणप्रिय भाइयो को मार दिया यह सोच कर उसके मनमे Rajkanya Meherangej Se Badla लेने का जुनून छा गया. मेहेरंगेज़ के बारे मे उसके मन मे इतनी नफरत भर गई थी की हरदम वह उससे Rajkanya Meherangej Se Badla लेने के बारे मे ही सोचता था.

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आखिर उससे रहा नहीं गया और उसने अपने पिताजी से पूछा पिताजी एक बात पुछु? बादशाह ने कहा पूछो बेटा क्या पूछना है.. बादशाहने डूबे स्वर मे पूछने को कहा. पिताजी उस दृष्ट मेहेरंगेज़ ने मेरे भाइयो को मारा है जब तक मै Rajkanya Meherangej Se Badla नहीं ले लेता मुझे शांति नही मिलेगी.

अपने हाथो के पंजे मसलते हुए वह बोला उसके इस कार्य की सजा उसको मिलने ही चाहिए, उसको इसका प्रायश्चित करना ही होगा. पुत्र के इस सवाल से बादशाह के मन को बहुत बड़ा धक्का लगा.

वह कुछ घबरायेसे हो गए और थोड़ी देर की शांति के बाद बोले नही नहीं बीटा, अब तुम ऐसा मत कहो उस दृष्ट राजकन्या मेहेरंगेज़ की वजह से पहले ही हम हमारे पांच पुत्र और तुम अपने भाई खो बैठे हो. अब तुम अकेले मेरे पुत्र बचे हो जो मेरा आधार है, तुम हमें छोड़कर मत जाओ.

पिताजी आपको कुछ गलतफहमी हो गयी है. मै उस राजकन्या के रूप के जाल मे नहीं फसा हु! मै सिर्फ इतना चाहता हु की उस मेहेरंगेज़ के रहस्यमय सवाल को जवाब खोजू और उसके महल मे जाकर उसका गर्व हरण करू बस. उसको ऐसे छोड़कर नहीं चलेगा क्योकि अगर ऐसा किया तो वह दृष्ट और ना जाने कितने राजपुत्रो को मौत के घात उतारेगी. क्या लगता है पिताजी आपको सही कहा ना मैंने.Gool Ne Sanobar Ke Sath Kya Kiya Part 3- Ansulajhi Rochak Hindi Kahani

बादशाह ने इस बारे में कुछ नहीं कहा वह कुछ कहे उससे पहले बादशाह का सर घूमने लगा मानो जैसे उसकी सोचने की शक्ति ही ख़त्म हो चुकी हो. फिर से बादशाह के पुत्र ने रूककर कहा अब्बाजान आप ही सोचिये जवानो के मरने के इस सिलिसिले को रोकना होगा की नहीं? बादशाह ने कहा बेटे तुम जो कह रहे हो वह सही है लेकिन… बादशाह कहते कहते रुक गए.

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मै आपके मन को समझता हु पिताजी शहजादा ने कहा, लेकिन मेरी जान की आप बिलकुल भी चिंता ना करे, मेरी जान इतनी सस्ती नहीं की कोई भी हरण करले. मै वचन देता हु आपको उस दॄष्ट राजकन्या के घमंड को चूर करने के लिए पहले उसके सवाल का जवाब खोजेंगे उसके बाद ही उसके दरबार मे जाकर उसके गर्व का हरण करेंगे इसीलिए आप मेरी पर्वा बिलकुल भी ना करे.

बादशाह पुत्र को विरोध भी नहीं कर सके, लेकिन शहजादे की मा को जब यह बात पता चली तो वह फुट-फुटकर रोने लगी, रोये भी क्यों ना जिस माँ ने अपने लाडले पांच पुत्रो को खो दिया हो और अब छटे पुत्र को खोने का डर तो दुःख तो होगा ही. अपने बुजुर्ग के अकेले आधार को कैसे कोई खोने का सोच सकता है क्योकि अकेला बचा पुत्र भी उसी खाई मे जाने की बात कर रहा था जहा पांच पुत्र पहलेसेही गिर कर अपनी जान गवा बैठे हो.

लेकिन आखिर शाहजादा ने अपनी माँ को अपने पांचो भाइयो का वास्ता देकर मना लिया और कहा अम्मीजान आप दोनों के हाथ और भगवान अल्लाह का साथ जब तक मेरे सर पर है मेरा कोई बाल भी बाक़ा नहीं कर सकता आप बिलकुल भी मेरी चिंता ना करे.

शहजादा की माँ की आखो से आंसू रुक नही रहे थे, उनके वह आंसू पौछते हुए शहजादा ने कहा अम्मीजान आप रोइये मत हमने कहा न हम सही सलामत आपके पास वापस आएंगे. शहजादे की माँ ने प्यार से उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा बेटा मै सिर्फ इतना चाहती हु की कोई कुबुध्दि तुम्हारे मन मे ना आये, भगवान अल्लाह तुम्हारी ईफ़ाजत करे. शाहजादे ने भी सर हिलाकर हां कहा.

और फिर दूसरे ही दिन पूरी तैयारी के साथ एक तेजधार तलवार को लेकर शहजादा अपने सफर पर निकल पड़ा. माँ-बाप को प्रणाम करते हुए अपने तेज घोड़े पर बैठा और उसे दौड़ने का आदेश दिया. उसके पीठ की तरफ देखते हुए माता-पिता की आँखों से गिरते आंसू बया कर रहे थे की पुत्रो को खोने का गम क्या होता है. थोड़ी ही देर मे शाहजादा इतनी दूर चला गया की माँ-बाप की आँखों से ओझल हो गया.

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लेकिन हवा से बात करती घोड़े की सवारी पर भी वह सिर्फ और सिर्फ एक ही बात सोच रहा था और वह थी Rajkanya Meherangej Se Badla लूंगा. इस प्रकार से राजकन्या मेहेरंगेज़ से बदला- गुल ने सनोबर से क्या कहा पार्ट 3 ख़त्म हुयी पार्ट 4 के लिए यह पढ़े , नए अपडेट सीधे अपने ईमेल इनबॉक्स मे चाहते है तो ब्लॉग को सब्सक्राइब करे. बेहतरीन Hindi Story का भंडार की यह कहानी आपको अवश्य पसंद आये होगी, अगर आपको पसंद आयी होगी तो अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया शेयर करना ना भूले.

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