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Bulbul Aur Shikari- Bulbul Ki Samajh & Murkh Shikari Ki Adbhut Hindi Kahani

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Bulbul Aur Shikari.

आज की हिंदी कहानी एक Bulbul Aur Shikari की है, बहुत पुराणी बात है किसी जंगल मे एक बुलबुल ने अपना बहुत सुन्दर घोसला बनाया.

उसके दो बच्चे थे, जो अभी बहुत छोटे थे. बुलबुल अपने बच्चो के लिए दाना लाती, फिर बारी-बारी दोनों को खिलाती. बच्चे धीरे-धीरे बड़े होने लगे.

Bulbul Aur Shikari की कहानी बेहद अच्छी कहानी है. बच्चो के बड़े होने के साथ कुछ दिन बाद बच्चे भी अपनी माँ के साथ भोजन ढूंढने के लिए जाने लगे.

वे माँ के साथ ही घोसले मे लौट आते थे. समय गुजरता गया, बच्चे खड़े हो गए थे. अब वह अपनी माँ के बिना ही अपना भोजन ढूंढने के लिए निकल पढ़ते थे.

एक दिन की बात है, दोनों बच्चे बाहर आकर अपना भोजन ढूंढने के लिए गए हुए थे. दाना ढूंढते समय एक बच्चे को बहुत कीमती मोती मिला.

देखो यह क्या चीज है? इसे माँ के पास ले जाना चाहिए. हो सकता है यह कोई काम की चीज हो. एक बच्चे ने दुसरे बच्चे से कहा.

‘अरे छोड़.. यह की काम की चीज होगी? इससे हमारे पेट की भूख तो मिटेगी नही. तुम इसे फेककर दाना ढूंढो. बेकार क्यों परेशान हो रहे हो. बुलबुल के दुसरे बच्चे ने कहा.

नहीं मै तो इसे माँ के पास जरुर लेकर जाऊंगा. मुझे तो यह काम की चीज लग रही है. पहला बच्चा वहा से उडा, वह मोती लेकर अपनी माँ के पास आया और बोला- ‘माँ देखो’ आज मुझे यह क्या चीज मिली है.

शिकारी का जाल.

‘बेटे’ यह तो बहुत कीमती चीज है. एसी चीजे समय पर बहुत काम आती है. इतना कहते हुए बुलबुल ने मोती ले लिया. उसे अपने घोंसले में संभालकर रख दिया.

एक बार की बात है. उस जंगल मे कोई शिकारी आया. उसने एक जगह बहुत से बिखेर दिए. साथ ही अपना जाल भी वही बीछा दिया.

और वह कुछ दूर एक रुक्ष के निचे जाकर बैठ गया. कुछ ही देर मे बहुत से पक्षी उस शिकारी के जाल मे फंस गए. बुलबुल के दोनों बच्चे भी उसी जाल में फंस गए.

अब क्या किया जाये, सभी पक्षी मिलकर यह सोचने लगे. क्यों न हम शिकारी से प्रार्थना करे. वह हमको जाल से आजाद कर दे. क्योकि हमारे बच्चे घोंसले मे हमारा इंतजार कर रहे है. हो सकता है वह तरस खाकर हमें छोड़ दे, एक मैना बोली.

नही शिकारी हमें ऐसे कभी नही छोड़ेगा, हा यदि हम उसे कोई कीमती चीज दे दे तो हो सकता है. वह लालच में आकर हमें आजाद कर दे. ‘लेकिन हमारे पास कोई कीमती चीज है ही कहा? मैना ने हैरान होकर कहा.

हमारे पास एक कीमती मोती है. वह मेरी माँ ने घोंसले में छिपाकर रखा हुवा है. यदि वह कीमती मोती शिकारी को दे दे तो, हो सकता है शिकारी हमें आजाद कर दे. बुलबुल के बच्चे ने कहा.

लेकिन हम वहा से मोती कैसे ला सकते है? पक्षी रानी से पूछने लगे. एक कबूतर अभी आजाद है, देखो उस पेड़ पर बैठा है. यदी हम बुलबुल के घोंसले से वह मोती लाने को कहे तो हो सकता है, वह हमारी मदत करे ‘ कोयल बोली’

Bulbul Aur Shikari.

कुछ पक्षियों ने आवाज देकर कबूतर को अपने पास बुलाया और उसे सारी बात समजा दी. कबूतर तुरंत उनकी मदत के लिए तैयार हो गया. वहा से उड़कर बुलबुल के पास आया. उसे सारी बात अच्छी तरह से समजायी.

बुलबुल ने मोती लिया और वह कबूतर के साथ उड़कर वहा आयी जहा सभी पक्षी जाल में फसे हुए थे. अब शिकारी भी अपने जाल के पास आ गया था.

बुलबुल ने शिकारी से कहा -‘ भाई ! यदि तुम अपने जाल से सभी पक्षियों को आजाद कर दो तो मै तुम्हे एक एसी कीमती चीज दे सकती हु, जिससे तुम्हारा सारा जीवन सुख के साथ बित सकता है.

शिकारी ने हैरान होकर पूंछा ‘क्या चीज है वह’?

‘यह कीमती मोती, ‘बुलबुल ने शिकारी को कीमती मोती दिखाते हुए कहा.

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मोती को देखते ही शिकारी की आँखे चमक गयी. ‘यह तो सचमुच ही बहुत कीमती मोती है’. यह मोती मुझे दे दो, इसके बदले मै सारे पक्षियों को छोड़ देता हु.

लेकिन बुलबुल भी मुर्ख नहीं थी. वह जानती थी मोती लेकर शिकारी अपनी बात से मुकर सकता है. यदि ऐसा हुवा, तो पक्षी मारे जायेंगे और मोती भी चला जायेगा.

बुलबुल बोली- पहले तुम पक्षियों को छोडो, जैसे ही तुम पक्षियों को छोड़ोगे मै मोती निचे फेंक दूंगी. शिकारी जानता था पक्षी झूठ नहीं बोलते उसने पक्षियों को आजाद कर दिया, सभी पक्षी उड़ गए. तभी बुलबुल ने कहा- तुम दूसरो का अहित करते हो इसीलिए मै तुम्हे मोती नहीं दूंगी.

यह मोती बड़ा महत्वपूर्ण है, तुम अन्यायी हो, तुम्हे जीवो पर दया कभी नहीं आती, इसीलिए मै भी दया नहीं करुँगी. बुरे को बुराई मिलनी ही चाहिए. तुम्हारे लिए यही सजा है. इतना कहकर बुलबुल मोती सहित अपने बच्चो के साथ घोंसले की और उड़ गयी.

अब बुलबुल का दूसरा बच्चा भी समज गया था की हर चीज महत्वपूर्ण होती है, चाहे वह कैसी भी हो.

इस और शिकारी निराश होकर एक और चल दिया. उसे एस बात से सबक मील गया था की विश्वास करना ही धोका देने वाले को प्रोत्साहन देता है.

बुलबुल और शिकारी की हिंदी कथा से मिलती सिख.

Bulbul Aur Shikari की इस कहानी से यह सिख मिलती है की दूसरो का अहित सोचने वाले और अहित करने वाले कभी भी खुद का हित नही कर सकते. हमेशा अच्छे कर्म करे और दूसरो को कभी दुःख ना दे.

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आशा करते है Bulbul Aur Shikari की बेहतरीन हिंदी की कहानी से आपको अवश्य महत्वपूर्ण सिख मिली होंगी. अगर आप को यह आर्टिकल पसंद आया हो तो सोशल मीडिया मे शेयर जरुर करे. इसीप्रकार की हर नयी Hindi Story अपने ईमेल इनबॉक्स पर पाने के लिए ब्लोग को सब्सक्राइब जरूर करे.

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